बियावान आँखों का जंगल
खामोश अँधेरे के मजबूत साए ----
तारीक गवाह है ----ना कोई सितारा
ना कोई जुगुनुओ की लड़ी -----
ऐ ---आधियो ----
देखो तो ज़रा-------
कुछ तरसती निगाहों में
दिए आज भी चमकते है ----
सर्द अहसास की दहकती ज़मी
पर तुम अचानक उन्हें ----
देखो गे तो सहसा कहोगे
-----आंसू ------!!!!
jabardast abbhibyakti,,,,,,,bas sunhalee si hoti jamee roshnee ke dwaar par...in aansuon ki jhalak me
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