vartika
Tuesday, April 24, 2012
लावारिस
लम्हों और पलो में जी है जिन्दगी
उदास पलो में कभी उदास लम्हा --
बाहर से अंदर का वीरान सफ़र ---
समंदर की तरह लहरा रहा दिल
लावारिस सा दर्द छलक और
यतीम सा हो गया है --?
मुझे तो प्यार से प्यार है ---?
1 comment:
ANULATA RAJ NAIR
April 24, 2012 at 5:46 PM
वाह.............
मुझे तो प्यार से प्यार है -...
बहुत सुंदर एहसास...........
अनु
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वाह.............
ReplyDeleteमुझे तो प्यार से प्यार है -...
बहुत सुंदर एहसास...........
अनु