vartika
Wednesday, February 29, 2012
वजूद
वजूद
************
आज बेठे -बेठे
जरा हट के में सोचता हूँ
अचानक ऐसी कुछ बातें लिखूँ
जो हमारी स्थापित सोच,
हमारी संस्कृति और
समाज से जरा
परे हटकर हों.-----
अफ़सोस ------
मेरा वजूद नकार गया -------?
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment