मै एक विचार हूँ ---
जो बदल - बदल जाता हूँ --
रात जब गहराने लगे ---
बंद चाहत के आकाश में
परिंदे पंख फेलाने लगे
एक चाहत का दामन पकड़ कर
तुम फिर आंदोलित करती हो
हम निर्विकार
वही---उस पथ पर
खडा
प्रतीक्षा में
बंद मुट्ठी को और कस कर
बंद करता हूँ
मुझे पता है
मै एक विचार हूँ ---
जो बदल - बदल जाता हूँ ------
जो बदल - बदल जाता हूँ --
रात जब गहराने लगे ---
बंद चाहत के आकाश में
परिंदे पंख फेलाने लगे
एक चाहत का दामन पकड़ कर
तुम फिर आंदोलित करती हो
हम निर्विकार
वही---उस पथ पर
खडा
प्रतीक्षा में
बंद मुट्ठी को और कस कर
बंद करता हूँ
मुझे पता है
मै एक विचार हूँ ---
जो बदल - बदल जाता हूँ ------
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