वीरान समय का जिक्र
जब कभी आया -----
सच तुम्हारा साया
तभी नजर आया ------
लोग कहते है की
साया अस्तित्व से
अलग नहीं होता
मुझे पता है ----
सूरज जब चरम पर होता है
साया भी बढ़ा होता है ---
कम रोशनी
कद को घटा देती है
फिर वीरान समय
की बात -----?
दरकता है समय का
वो चक्र भी ---
जब सुरमई शाम
योवन पर होती है -----
आयता कार आकार में
साए का कद नहीं देख पाता हूं ---
सच है ----
वीरान समय का जिक्र
जब कभी आया -----
सच तुम्हारा साया
तभी नजर आया ------?????????????
जब कभी आया -----
सच तुम्हारा साया
तभी नजर आया ------
लोग कहते है की
साया अस्तित्व से
अलग नहीं होता
मुझे पता है ----
सूरज जब चरम पर होता है
साया भी बढ़ा होता है ---
कम रोशनी
कद को घटा देती है
फिर वीरान समय
की बात -----?
दरकता है समय का
वो चक्र भी ---
जब सुरमई शाम
योवन पर होती है -----
आयता कार आकार में
साए का कद नहीं देख पाता हूं ---
सच है ----
वीरान समय का जिक्र
जब कभी आया -----
सच तुम्हारा साया
तभी नजर आया ------?????????????
bhaut hi khubsurat...
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति ....
ReplyDeleteजब सूरज चरम पर होता है तो साया छोटा होता है ... बाकी समय साया बड़ा होता है कद घट जाता है ...
सुन्दर....
ReplyDeleteसादर...