Monday, March 19, 2012

एक विचार

गीली आंखों से देखता हूँ  जब कभी 
मीठा पानी सा सपना दिखता है ----
पथरीली राहो पर चलते  रहे लोग ----
भटकना हर पल पड़ता है --------

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