Tuesday, April 24, 2012

लावारिस


लम्हों और पलो में जी है जिन्दगी 
उदास पलो में कभी उदास लम्हा --
बाहर से अंदर का वीरान सफ़र ---
समंदर की तरह लहरा  रहा दिल 
लावारिस सा दर्द छलक और
 यतीम सा हो गया है --?
मुझे तो प्यार से प्यार है ---?

Saturday, April 21, 2012

याद आई


मौसम ने आज फिर पायल पहनी है 
पर लब पर कोई आवाज नहीं ----
देखो ----ये केसा नूर है ---
राख के रंग में सने हुए 
याद आई थी वो जागी हुई गजल मुझे 
रास्ता खोये से हेरान --फरिस्तों जेसे -----???

Friday, April 20, 2012

आंसू


बियावान आँखों का जंगल 
खामोश अँधेरे के मजबूत साए ----
तारीक गवाह है ----ना कोई  सितारा 
ना कोई जुगुनुओ की लड़ी -----
ऐ ---आधियो ----
देखो तो ज़रा-------
कुछ तरसती निगाहों में 
दिए आज भी चमकते है ----
सर्द अहसास की दहकती ज़मी
पर तुम अचानक उन्हें ----
देखो गे तो सहसा कहोगे 
-----आंसू ------!!!!

Thursday, April 19, 2012

रौशन चिराग


अजब  दास्ताँ है -----
देखो -औ- आँधियों 
रौशन चिराग आज फिर 
उसी मोड़  पर ---
बुझ गया ---------
खो गयी हैं सभी मंजिले ,
अँधेरे में हर रहगुजर ---
क्या कहूँ ----
अब तू ही बता 
तेरे कदमो से निकलती है 
मेरी जिन्दगी की हर डगर ------?

दर्द से रिश्ता


तुम्हारे - हमारे ख्वाबो में 
रिवाजो का अजब पहरा  है ---
मालुम नहीं कौन  सी मज़बूरी थी वो  --
या फिर ये कोई खेला है ----?
तुम्हारी आँखों के कतरे की कसम ----
दर्द से रिश्ता अब मेरा 
और भी गहरा है -----?

Wednesday, April 18, 2012

कदमो के निशाँ

वीरान हो चुकी गहरी रातो में 
तेरा खामोश सा साया 
मेरे अश्को के समुंदर में आज भी 
मुस्कुराता तो है -------?---------
ये किसकी दस्तक है ------
कौन कुछ पैगाम लाता तो है ----?
बस बहुत हो चुकी --बहकी --बहकी बाते ---
हर गुमनाम रास्ते ----
खुद के कदमो के निशाँ ---
मिटाता तो है -----------?