Saturday, October 8, 2011

गुमशुदा ख्याल


अनजान पथ पर
भटकते हुए  फिर
 गुमशुदा ख्याल आया
मखमली जिस्म और गेसुओ
की सौगात आज
फिर याद आया
हम तो भटके थे उस राह में
फिर दुबारा   हमें आज फिर वो
ख्याल आया -------
 करवटे बदल रही है
रूहे शबनम  कोई ----
जमी से भटक कर
अब --आसमान  से हो आया  ---
अनजान पथ पर
भटकते हुए  फिर
 गुमशुदा ख्याल आया
 

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