रक्त बीज
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रक्त बीज का जन्म
और मेरी निष्ठा कभी
एक ना हो सकी -----
आज व्यवस्था परिवर्तन
की आवाज --
आवाम ने फिर दोहराई --
मेरे गावों में आज भी
धुंधली आजादी के बीच--
मॅंहगाई और गरीबी के छाव तले
महिलाए ---अपने आंसू से
आटा गूंथती हैं---सच है ---
आज फिर ---
रक्त बीज का जन्म
और मेरी निष्ठा कभी फिर
एक ना हो सकी ----
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