अंजुली
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एक अंजुली भर रेत की
लिख दिया निर्माण
कर गये बात दिल की
बन गये महान ----
नीर की क्या बात करूँ
जब खो गये अरमान
एक अंजुली रेत की -----
जलन कि वेदना जब
तपन कि शक्ति बनी
बन गयी है आग तब
अंजुली का क्या काम
एक अंजुली रेत की -----------
खो गये सब मर्म जब
रेत पर साहिल चले
खो गये हम तब जब
अंजुली का क्या काम
एक अंजुली रेत की -----------
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