Saturday, September 10, 2011

शांत झील


शांत झील
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शांत झील में फेंका गया पत्थर 
मुझे बैचेन कर जाता है हर वक्त 
तरंगित लहरे बया करती है ---
उसके आंदोलित स्वरुप को ----
एक बोझ बन जाती है वो झील 
फेंके गये पत्थर से ---
और मै घुमाव दार चक्र में 
उलझ जाता हूँ -------
फेंका गया पत्थर --वो तरंग 
वो मेरा आंदोलित होना ---सहमी झील में 
थिरकन पैदा करने को व्याकुल रहता है 
पता नहीं और कोन आये और शांत झील को 
तरंगित कर जाए -----एक और बोझ दे जाए ---

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