vartika
Thursday, May 26, 2011
सम्मोहन
तुम्हारी आँखों में जब भी देखता हू
समुंदर उफान मारता है
,
जब कभी स्पर्श को चाहता हू
,
आदेश की रार पाता हू
पता नहीं मेरा अहंकार ही है
या
तुम्हारा सम्मोहन !
कल्पना से यथार्थ पर आ जाता
हू
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