जी हाँ --
मै भगवान् हू---
क्यों की मै
दूसरी वस्तुओ के
दुवारा ----
अपने को बड़ा -छोटा
मानता हू ---
अभिमान और दीनता
कभी गयाब नहीं होती ---
ये परिभाषा
हमारे से खंडित होती है -------?
मै अपने को आने वाला नहीं
रहने वाला मानता हू ---
इस लिए मै भगवान् हू -----
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