अपनी लड़ाई खुद लड़ो
तुम मोहताज नहीं किसी
आंधी के ---
उढाओ नफरत के खिलाफ
इन्कलाब का नया फतवा ---
तुम इतहास हो ---
रचो एक नया वुय्ह
क्रान्ति तुम में निहित है
बंद दरवाजे में
सुराख से
आने वाली रौशनी तुम हो
सार्थक रण के उदगम तुम ---
तुमको मेरा प्रणाम --------!!!!!!
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