vartika
Wednesday, June 22, 2011
सहर
एक बदरंगी सी याद है मुझको
रात के अँधेरे में जब
यकीनन --------------
सहर हो जाती है ---
ये सच है दुनिया वालो
फरिस्तो की भीड़
बढ़ जाती है ---
लगता है
अपनी पलकों पर शोर
धामे थे अभी -----
चोर दरवाजे से भी
अब ---
दस्तक हो जाती है कही----?
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