अक्सर देखा है हमने ----
बड़े शब्द बड़े नहीं होते
गहराई का होना जरुरी है
बोंजाई का दौर है दोस्त
बोने शब्द ही काफी है ---
देखो जड़ो को काटो तो ज़रा
एक विधा है ये ----
नया प्रयोग ---नई सोंच
हमने चिनार को भी
घटे रूप में देखा है ------
ये राज वंशो का कोई शौक नहीं
दिमाग की खूबी है ----
विराट से लघुता ही
इन शब्दों की मज़बूरी है ------
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