vartika
Thursday, June 23, 2011
पसीना
गुजरने की बात चली तो
बताऊ क्या -
ए- जिन्दगी --
सर्द रातो की तपिश
बहुत है अधिक
मेरे हम दम ------
गरम माथे पर
छलका है पसीना ----
देखो तो ज़रा ------
अब तो कभी
अपनी गर्म
हथेली
मेरे माथे पर
तो रखो ज़रा ----???????
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