मादक शाम जब
चरम पर होती है
मुझे कही धुंधला सा
कोहरा दिखता है
तुम कहते हो की
बहुत खुश हूँ आज
मुझे लगता है की
एक खोफ है
जो सीने में
धुवा सा बन वो
बहता है --------
एक चाहत थी बरसो से कही
कोने में हमदम
अब तो वो भी फना सा होता है ---
छन से छलका है
एक आंसू ---
ऐ दोस्त ज़रा देखो ---
नहीं मालुम की
दिल खुश है की
रोता है -----
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