Saturday, July 16, 2011

रंग और महक


रंग और महक से उभरे जादू 
बिखरती फिजा ,
भूला हुआ अफ़साना 
आज ---
 फिर बुनता है मुझे ---?
याद में है वो दिन भी 
जब    जिंदगी   एक   एहसान   में 
केद  थी  ----!!!!

1 comment:

  1. रंग और महक....बहुत सुंदर मिश्रण है...सर....इसे और भी अभिव्यक्ति दीजिये.....बहुत ही सुंदर है,,,

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