बात इकरार की हो तो
बताता हूँ आज ---
राज सीने में दफ़न है
उसे खोलता हूँ आज
हकीकत मै प्यार हमने भी
किया था कभी ---
जब भी चाहा
इनकार किया था तभी
कम तुम भी ना थे ज़रा
उस वक्त ---
दर्द भर कर सीने में
इकरार किया हमने जब कभी
लफ्जो की रवानगी मोजूद
दस्तूर की दुहाई ------
इनकार----
तुमने भी किया था तभी
ये सच है कबूल करता हूँ आज
मेरे हमदम -मेरे हम राज --
एक अनोखा
रिश्ता हमने
निभाया था कभी ------!!!!!!!
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