Monday, June 20, 2011

बेदर्द -ऐ- जिन्दगी

एक छोटी सी चिंगारी
देखी है ---तुम्हारी
आँखों में ---
तुम अश्क की बात
करते हो ------
हम जिन्दगी को
ढूंढते है ------------
मोन हो चुकी
सब वेदनाये ------
ता उम्र पीछा किया
तेरे साया का ----
हर कदम ----
निशानों को ढूंढते रहे
इस बियावान में ----
ये एक नशा था
मेरे हमदम मेरे दोस्त
चिरागों तले---
धुएं को पीते रहे
अँधेरे में ----------
तेरे निशानों की चाहत में
बेदर्द -ऐ- जिन्दगी
हर गम को ----
तुझको समझ
पीते चले गये--------....

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