Tuesday, August 30, 2011

रक्त बीज


रक्त बीज
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रक्त बीज का जन्म 
और मेरी निष्ठा कभी 
एक ना हो सकी -----
आज व्यवस्था  परिवर्तन 
की आवाज --
आवाम ने फिर दोहराई --
मेरे गावों में आज भी 
धुंधली आजादी के बीच--
 मॅंहगाई और गरीबी के छाव तले
महिलाए ---अपने आंसू से 
आटा गूंथती हैं---सच है ---
आज फिर ---
रक्त बीज का जन्म 
और मेरी निष्ठा कभी फिर 
एक ना हो सकी ----

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