Saturday, August 6, 2011

अंजुली

अंजुली 
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एक अंजुली भर रेत की 
लिख दिया निर्माण 
कर गये बात दिल की 
बन गये महान ----
नीर की क्या बात करूँ
जब खो गये अरमान 
एक अंजुली रेत की -----
जलन कि वेदना जब 
तपन कि शक्ति बनी 
बन गयी है आग तब 
अंजुली का क्या काम
एक अंजुली रेत की -----------
खो गये सब मर्म जब 
रेत पर साहिल चले  
खो गये हम तब  जब  
अंजुली का क्या काम 
एक अंजुली रेत की -----------

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