Tuesday, August 2, 2011

ख़ास से आम


जब उम्र की कच्ची जमी पर
मुझे हवा, जल और आकाश की
-- जरूरत होती है तब हम 
उस पर परदा टांक देते हैं-----
मेरा बच्चपन सिहर जाता है 
हम ख़ास से आम बन जाते है -----?

1 comment:

  1. mujhey bahut achaa laga ye vichaar/kavitt bahut oonchi baat kahee hai,,,hriday sey aawaaj nikal rahee hai,,,aap mahaan ho

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