Thursday, May 26, 2011

ये सुबह


जागी हुई आँखों में
चुभते ये शीशाए
ख़्वाब ----
अक्सर पूछते है ---
केसे कटती है
ये सुबह ----
रात होने से
पहले ही ----
सुबह फिर ---
आ जाती है --

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