Thursday, May 26, 2011

तमाशाई


तमाशा देखने वाले
बहुत होते है ---
लेकिन -----
तमाशाई बहुत कम ---
आत्म चिंतन की
गहराए मै----
आज फिर ---देखा
देखो वो ज़िंदा लाश
जा रही है ---
क्या---अंत्येष्ठी क्रिया
हो गयी -----
हमें ज्ञात नहीं---
जिन्दगी और मौत
का अंतर ---
क्या है ---?
अंतस की आवाज
एक विश्वास ----
खुद के जीते जी
मरने का एहसास ---
अपनों का असमंजस
और विश्वास का
लाभ -----मित्रो
सात साल तक
की अभिशप्त जिन्दगी
का अंत ---
मौत की विधिवत
कानूनी स्वीक्रति है----
यहाँ सात साल क्या ---
सात जन्म की
विवेचना भी ---
कम है --

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