Thursday, May 26, 2011

माँ


माँ ----
एक शब्द नहीं
भावना है -------
उसकी व्याख्या नहीं
कर सकता -----
दोस्तों ----
व्याख्या तो उसकी होती है
जो अनुभूतियो से परे हो ---
अनुभूति तो
महसूस की जाती है ----
उसकी व्याख्या नहीं
हो पाती है --------?
वेसे ही माँ ---
व्याख्याओं से परे
कोमल स्पंदो के तले--
एक भावना है ---
पीड़ा से उसका
पुराना नाता है ----
खुद गीले में रहकर
संतानों को सुख में --
सुलाना तो
एक बहाना है -----
लडखडाते कदमो का
संबल- ओ -संस्कार
का खजाना है -----
यारो ---
ममता से उसका
गहरा नाता है ----
उसकी व्याख्या तो बस एक
बहाना है -------
अंतस में उजाला ही उसका
फसाना है -------
खुद को फना करके
जीवन का दर्शन
समझाना ही उसका
आइना -ओ -बहाना है --
जितना लिखू
सब कुछ बहुत
पुराना है ----
माँ ---
एक शब्द नहीं सारे
 जीवन  का  एक खजाना
है -----
माँ
एक शब्द नहीं ---------
--------------सभी माँ को मेरा अभिनन्दन और नमन तुम अद्भुत हो-----साकार ---सत्य ---और मेरी स्म्रतियो में समाहित तुमसे अलग मेरा कोई अस्तित्व नहीं ------

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