Thursday, May 26, 2011

गुलाबी रंग


कल अचानक
सूनी सी संध्या में
जब मै जाग रहा था
पुरानी फ़ाइल से एक
गुलाबी लिफ़ाफ़े का कोना
झाँक रहा था ----
भूली यादो का वो
कोना -----
तुमको मेरे पास
मेरे अक्स में ---
देख रहा था ----
ना बदलने का नजरिया
और मेरा फटी जेब का
रोना -----
आज अचानक ------
रंग भी बदल रहा था
कभी ---
गुलाबी रंग ---
हलके पीले में परिवर्तित
नये रंग को उकेर रहा था ---?
तुम आज फिर आई
मुस्कुराई ----
अनजाने में सही
मेरा जेब में हाथ
रेंगना ----
भारी हाथो में ------भारी जेब ---
मंथन में आज फिर तुम
मुझमे गायब थी ---
और मै
वही--पुराना रोना
फ़ाइल को वो कोना
गुलाबी रंगों में खोना
----जारी है ---फिर पीड़ा
को ढोना----------??????

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