Thursday, May 26, 2011

अजब दुनिया ---गजब लोग


पत्नी ने कहा बाजार जाओ
जरुरत की चीज तो लाओ
सामान कम है
जरुरत में दम है ------
मेने भी गंभीरता  समझी
योजना की लिस्ट पकड़ी
किराने की दूकान पहुंचा
अपनी जरूरतों को फेंका ---
दूकान दार बोला साहब --आज आप --?
मालकिन कहाँ है ----?
मेने आक्रोशित बोला
मै और वो क्या अलग है ----
वो मुस्काया
मुझे बहलाया ---
मित्रो------
तभी एक घटना घटी ---
गोद में मासूम बच्चे को लिए
एक भिखारिन प्रगती---
ऐ-बाबू बहुत भूखी हु ----
बच्चे ने भी नहीं कुछ खाया ?
उसकी याचक  निगाह ---
मेरा बेबस मन ---
और
दूकान दार का प्रश्न ---?
तीनो एक साथ ---
विषम घटना --विवेचना कठिन ---
मेने अपनी योग्यता दिखलाई
चाँद पेसो की जगह --
कीमती बिस्कुट का पैकट
बच्चे को दिया ---
भिखारिन ने हिकरत से देखा  
बोली ये नहीं पैसा --?
मेने  कहा --पैसा भूख नहीं
 जरुरत भोजन की है ---
दूकान दार निर्विकार
मै अपने गंतव्य पर
दोस्तों ----
पत्नी को अपनी
होशियारी बताई
वो मुस्काई ---
बोली ठीक है ----
मै असमंजस में
दूकान दार का निर्विकार होना ----
पत्नी का मुस्काना ---
दोनों एक साथ -----?
ज्ञात हुआ ---
भिखारिन ने बिस्कुट
दूकान में आधे दाम पर
बेचा ----
नगदी गिना --
और लीन---
अब मुझे आभासित  है
भिखारी का करुना उकेरना ----?
दूकान दार का निर्विकार होना ?
और पत्नी का मुस्कराना --------?

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