Thursday, May 26, 2011

बादल और हम

तुममे ----.हमें 
बादल नजर आता है 
जब भी कभी 
आते हो 
मन आनंदित होता है 
पर विडम्बना 
तुम्हारा 
आना 
छाना
फिर 
बरसना 
और फिर दूर निकल जाना 
मेरे पटल को 
भ्रमित 
करता है 
मै--फिर 
मजबूर सोंचने को 
आनान्दित हो 
या आंदोलित --?
तुम्हारा आना 
छाना
फिर 
बरसना एक संयोग था 
या 
तुम्हारी 
तासीर ---------?

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