मेरा आतीत
मुझे तुममे
वो अक्स
देखता था ---
वर्तमान ---
सराहता है ---
भविष्य ---
बुनता है
एक जाल ---
जिनमे
दफ़न होने को
है ----अतीत
वर्तमान
और शायद
भविष्य भी ----?
वो कहते है
अधिक मंथन
मेरे संतुलन
को
खंडित करता है
पर मै
हमेशा की भांति
मुस्कुराता हु
जानता हु
आज नहीं -----
कल लोग तुम्हे
दशक का नहीं
शताब्दी का
भविष्य कहेंगे -----?
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