Thursday, May 26, 2011

श्री अन्ना हजारे


प्रिय मित्रो , सुधि समीक्षकों और योग्य आलोचकों -----
श्री अन्ना हजारे जी के विचारों की जीत आप सबकी जीत है --एक आम नागरिक के तौर पर हम उसका स्वागत करते है ----और इस अपार चिन्तन शील समाज में हर उए व्यक्ति का अभिनन्दन करते है जिन्होंने उनके इस नेक काम में अपना सहयोग दिया ----- किन्तु दोस्तों विडंबना है की आज हमारे समाज का एक वर्ग   काफी सतही हो गया है ---आज इस गहन परिस्थिति में क्या हमारा सतही रवैया क्या उजागर करना चाहता है ---? क्या हमें अपने अल्प ज्ञान में उन्मादी होना चाहिये ---? क्या हमें ये ध्यान नहीं होना चाहिये --की विश्व इतिहास में गाँधी दर्शन का विशेष स्थान है ---देश को दिए गए उनके नये द्रष्टि कोर्ण, विचारों और लोका चार इसके अलावा राजनीती एवं नेतिकता  के बीच नये सम्बन्ध को विकसित करना क्या जीवन पधति का मन्या स्वरुप नहीं उकेरता है -----
एक असल लोकतंत्र और सहिष्णु समाज , जेसा की हम आज दावा करती है को उतेजक कमेंट्स का गरिमा पूर्ण खंडन क्या सार्थक  है -----?
मित्रो मै अज्ञानी हू पर  विवेक कहता है की हम आज मोह में निर्वाण के अपनी नीड़ से जुड़ नहीं पा रहा है  ---किन्तु आप तो एक विचार शील व्यक्तित्व है ----आगे आये और समाज को सही दिशा का बोध कराये ---मेरी मंगल कामनाये आप के साथ थी और सदेव रहेंगी -----सबका मंगल हो -----
आपका अपना मित्र ----रविन्द्र

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